2009 मार्च 31 तारीक को साल की आखिर में स्वाभाविक रबड् की भण्डार 200015 टण (कम भण्डार को आँकडे में बडाकर दिखा रहे थे।) थे।
स्वाभाविक रबड् 2009-10 | |||||
महीने | उत्पादन | किसान के बेच टण में | निर्माता के खरीद टण में | आयात |
उपभोग |
एप्रिल | 51520 | 69955 | 64934 | 10421 | 73470 |
मेय | 53550 | 51365 | 54467 | 19828 | 71250 |
जूण | 54255 | 56540 | 58422 | 20258 | 74220 |
जूलै | 50250 | 52340 | 52070 | 27100 | 78910 |
आगस्ट | 64750 | 57605 | 63916 | 20119 | 79750 |
सितंबर | 74300 | 68070 | 58973 | 20172 | 78765 |
अक्टोबर | 88755 | 78950 | 71761 | 8574 | 77950 |
नवंबर | 93500 | 83530 | 71216 | 7124 | 80500 |
दिसंबर | 100850 | 98860 | 75816 | 6504 | 80250 |
जनवरी | 97500 | 64770 | 80455 | 7645 | 97500 |
फेब्रुवरी | 51500 | 61770 | 65883 | 12167 | 51500 |
मार्च | 50650 | 67545 | 71648 | 10767 | 78650 |
कुल मिलाकर | 831400 | 812300 | 789561 | 170679 | 930565 |
एप्रिल महीने से लेकर उत्पादन कम दिखाकर, आयात बडाकर, अन्तरराष्ट्रीय दाम से अथिक देशी दाम ऊँच रखकर, निर्यात कम करके, पेडों पर उत्तेजित करनेवाला ‘एथिफोण ‘ प्रयोग कराकर (सन् 2009-10 मे टापिंग दिनों के कम करके लाटेक्स का की पैदावार कायम रखना ही रबड बोर्ड की सन्देश थे) महीने की आखिर में भण्डार बडाने के तैय्यारी कर रहे थे। ऐसे करने की जरूरत इसलिये हुआ क्यों कि सन् 2002 एप्रिल से लेकर अब तक आँकडे में असली भण्डार से कम प्रसारित करके दाम गिरा रखने की कोशिश की थी। इस साल देशी दाम ऊँचा होने पर भी 75300 से लेकर 95925 टण तक महीने आखिर की भण्डार प्रसारित की हैं जो सच से बहूत दूर हैं। आँकडे में कम करके दिखानेवाले कारवाई को ‘नेगटीव मिसिंग ‘ ( -Ve Missing) कहा जा सकते हैं। 2009-10 अन्त में ज्यादा लभ्यता होगा। अनुमान हैं उसे कम दिखाकर आँकडे प्रसारित होगा करके ही हैं। पिछले साल 70,000 टण से ऊपर भण्डार साथ रखनेवाले निर्माता वह भण्डार 2009-10 के आखिर में 20,000 टण से कम भण्डार साथ रखने का उमीद हैं। झब बाजार में भण्टार ज्यादा होगा तब निर्माता इकटे दूर रहेगा और दाम गिराने की कोशिश करेगा। साथ ही कम दामों में आयात करके अन्तरराष्ट्रीय दाम भी गिराने की कोशिश भी होगा।
बगैर जरूरत के आयात निर्यात से जो हेराफेरी होता हैं उस के सपूत हासिल करना कठिन हैं। माध्यम (Media) रबड् बोर्ड के आकडे की सहायता से रबड् के बारे में समाचार प्रसारित करते हैं। ऐसे हिसाब के विश्लेषण इस ब्लोग के जरिये प्रसारित करने का कोशिश जारी रहेगा।
ऱबड् ऐसे एक वृक्ष है जो तीन या चार महीने उत्पादन कम हुआ तो बचे महीनों में उत्पादन ज्यादा होगा।
बगैर रइनगार्ड (Rain Guard) के खूद टाप करनेवाला किसान को मिली उतपादन के तुलन रबड् बोर्ड के प्रसारित आँकडे के साथ की गई हिसाब नीचे दिया हुआ हैं। 463042 हेक्टर 2008-09 में भारत में टाप की गई क्षेत्र हैं।
एक किसान के उत्पादन रबड् बोर्ड के आँकडे के साथ तुलन करने पर
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महीने | उत्पादन .8 हेक्टर कि ग्राम | प्रति हेक्टर उत्पादन कि ग्राम | 463042 हेक्टर में टण | रबड् बोर्ड के प्रसारित टण |
एप्रिल | 117.8 | 147.25 | 68183 | 51520 |
मेय | 125.5 | 156.88 | 72640 | 53550 |
जूण | 108.5 | 135.63 | 62800 | 54255 |
जूलै | 137.1 | 171.38 | 79354 | 50250 |
अगस्ट | 111.1 | 138.88 | 64305 | 64750 |
सितंबर | 123.7 | 154.63 | 71598 | 74300 |
अक्टोबर | 138.2 | 172.75 | 79991 | 88755 |
नवंबर | 114.7 | 143.38 | 66389 | 93500 |
दिसंबर | 230.2 | 287.75 | 133240 | 100850 |
जनवरी | 190.6 | 238.25 | 110320 | 97500 |
फेब्रुवरी | 142.3 | 179 | 82885 | 51500 |
मार्च | 151.9 | 189.88 | 87920 | 50650 |
कुल मिलाकर | 1692.5 | 2115.66 | 979623 | 831400 |
कब??
समीर लाल जी जल्द ही प्रयारित करूँगा। मैं किसान जो खेती में काम कर रहा हूँ उसी वजह से वक्त की कमी हैं।