सेप्टंबर महीने के शुरू में बारिश के कारण उत्पादन और बजार में प्रतीक्षा अनुसार रबड् नहीं पहूँचा। लेकिन देशीय दाम अन्तरराष्ट्रीय से ऊँचा रखकर बाजार और निरमाताओं के पास ज्यादा रबड् पहूँचाले में काम्याप हुआ करके ही सोचना होगा। आने वाले दिनों में उतपादन में कमी नहीं होगा। उसी वजह से दाम गिराने की कोशिश जारी रहेगा। आनेवाला ‘पीक सीसण’ पर मध्यनजर रखते हुये दाम जरूर गिरा सकते हैं। नाचते हुये अन्तरराष्ट्रीय दाम भी नीचे को आने का ही उमीद हैं। फिर भी मेरा पहले की पोस्ट में बताये हुये सेप्टंबर शुरू से लेकर ओणम (त्योहार केरल की) तक ऊँचा दाम रहेगा करके खोषणा की थी वह सही निकला। वैसे ही दाम नीचे जाने के बाद इस महीने की आखिर में फिर बडेगा क्यों कि महीने की आखिर में स्टोक बढाने केलिये दाम ऊँचा रखना होगा। आगस्ट महीने की आखिर में देशीय दाम ऊपर थे उसी वजह से किसानों को ज्यादा रबड् बेचने का मौका मिला। दो महीने के बाद रबड बोरड के झापनेवाला आँकडे में किसानों के पास ज्यादा स्टोक दिखायेगा। लेकिन उस आँकडे के अनुसार बजार में रबड् स्टोक नहीं होगा।
स्वागतम चन्द्रशेखरन जी
दक्षिण भारत से आपका ये बहुभाषी ब्लाग एक मील का पत्थर है.
किसानों की चिंताओं को व्यापक करने का यह प्रयास सही है, बंधु.
हमें भी अपने साथ समझें. हर तरह की शुभकामनायें.
मैथिली, प्रमोद सिंह
आप लोगों जो किसानों के चिंताओं के प्रयास को समझने पर ङम बहूत आभारी हूँ। मेरा बहु भाषी ब्लोग असलियत को दुनियाँ के सामने लाने केलिये मेरा कमियों में मदद और सहयोग जरूर चाहता हूँ। धन्यवाद
आपके ‘जय जवान, जय किसान’ ब्लॉग का लिंक अपने ब्लॉग में लगाकर रखा है। खुद के डोमेन वाले इस नए ब्लॉग का लुक भी बहुत सुंदर है। आप बहुत सराहनीय लेखन कर रहे हैं।